संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण सोमवार को शुरू हुआ. उम्मीद के मुताबिक
विपक्ष ने सरकार पर हल्ला बोल दिया. गुड़िया के बलात्कार के मुद्दे पर
सांसदों ने जमकर बवाल मचाया. विपक्ष के हंगामे के बाद लोकसभा 12 बजे तक के
लिए स्थगित कर दी गई. इससे पहले लोकसभा स्पीकर मीरा कुमार ने 'गुड़िया' के
साथ हुए दुष्कर्म की लोकसभा में निंदा की.
पीएम की विपक्ष से अपील
संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण की शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री ने विपक्ष से संसद को सुचारु रुप से चलने देने की अपील की. उन्होंने कहा कि कई अहम बिल लंबित पड़े हैं जो मौजूदा सत्र में पास होने हैं. पीएम ने अपील की विपक्ष बिल पास कराने में सहयोग करे. प्रधानंमत्री ने कहा कि सरकार हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है.
जेपीसी रिपोर्ट लीक होने को लेकर नोटिस
डीएमके ने विशेषाधिकार हनन नोटिस दिया. जेपीसी रिपोर्ट लीक होने के खिलाफ दिया नोटिस. पार्टी नेता टीआर बालू ने कहा कि वह जेपीसी के चेयरमैन पीसी चाको को हटाने की मांग करेंगे. वहीं बीजेपी के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा ने लोकसभा में पीसी चाको के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया. बीजेपी ने कोयले घोटाले को लेकर प्रश्नकाल स्थगित करने की मांग की.
विपक्ष द्वारा 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन पर जेपीसी की मसौदा रिपोर्ट तथा कोयला घोटाले से संबंधित सीबीआई की रिपोर्ट में विधि मंत्रालय के कथित हस्तक्षेप पर विरोध का फैसला करने से सरकार के सामने चुनौतीपूर्ण स्थिति हो सकती है.
राजनीतिक तूफान तो पहले से आ चुका है क्योंकि आक्रोशित विपक्ष का आरोप है कि 2जी मामले पर जेपीसी की रिपोर्ट ‘‘लीपापोती’’ भर है और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह एवं वित्त मंत्री पी चिदंबरम को ‘क्लीन चिट’ देने के लिए ही इसे तैयार किया गया है.
पूर्व दूरसंचार मंत्री और 2जी घोटाले में मुख्य आरोपी ए राजा का दावा है कि इस मामले में सारे फैसले प्रधानमंत्री से विचार-विमर्श करने के बाद ही लिए गए. वहीं, बीजेपी जेपीसी अध्यक्ष पी सी चाको पर सरकार को बचाने का आरोप लगा रही है.
राजा ने जेपीसी के सामने बयान दर्ज कराने का एक मौका मांगा था जिसकी अनुमति उन्हें नहीं दी गई. राजा द्रमुक के सदस्य हैं जिसने हाल ही में यूपीए से समर्थन वापस ले लिया था.
विपक्ष कहता रहा है कि जेपीसी की मसौदा रिपोर्ट ‘जानबूझकर लीक करायी गयी’ और ऐसा होना संसदीय विशेषाधिकार का हनन है. वह इस मामले की जांच की मांग कर रहा है. एनडीए 2जी मामले में आयी जेपीसी की मसौदा रिपोर्ट से खफा है. खासतौर पर इसलिए क्योंकि इसमें आरोप लगाया गया है कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार की दूरसंचार नीति के कारण सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ. इसमें वाजपेयी सरकार में मंत्री रहे कुछ नेताओं पर भी आरोप लगाए गए हैं.
मनमोहन सिंह सरकार 10 मई को समाप्त हो रहे बजट सत्र के शेष चरण में कुछ महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित कराना चाहती है. भूमि अधिग्रहण विधेयक पर कांग्रेस और बीजेपी में सहमति बन गयी है और इस पर चर्चा हो सकती है. हालांकि, वाम दल इसके विरोध में हैं.
कोयला घोटाले में सीबीआई की रिपोर्ट में कानून मंत्रालय के हस्तक्षेप की खबरों को लेकर भी बीजेपी तथा वाम दल असंतुष्ट हैं. विपक्ष का कहना है कि घोटाले के तार प्रधानमंत्री कार्यालय से जुड़े हैं और वह सरकार को घेरने का यह मौका नहीं जाने देगा.
कोयला घोटाले के सिलसिले में कानून मंत्री अश्विनी कुमार द्वारा सीबीआई प्रमुख को तलब करने के मामले में बीजेपी कानून मंत्री के इस्तीफे की मांग कर रही है. हालांकि, कांग्रेस ने किसी तरह के दखल के आरोपों से इंकार किया है और कानून मंत्री के इस्तीफे से इंकार किया है.
संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण में राज्यसभा में सुचारू कामकाज सुनिश्चित करने के लिहाज से उच्च सदन के सभापति हामिद अंसारी ने सर्वदलीय बैठक बुलाई थी. उन्होंने राज्यसभा में अव्यवस्था फैलाने वाले सदस्यों के स्वत: निलंबन और हाउस बुलेटिन में उनका नाम जारी करने जैसे विचार रखे, लेकिन राजनीतिक दलों के बीच इन पर सहमति नहीं बन सकी. अंसारी ने इस तरह की स्थिति में सदन की कार्यवाही का प्रसारण रोकने का भी सुझाव दिया लेकिन, उन्हें समर्थन नहीं मिला. बैठक में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और विभिन्न दलों के वरिष्ठ नेताओं ने हिस्सा लिया.
बीजेपी अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने जेपीसी रिपोर्ट पर कड़ी आपत्ति जताई है जिसमें 2जी मामले में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और वित्त मंत्री पी चिदंबरम को क्लीनचिट दे दी गयी है. पार्टी रिपोर्ट में लगाये गये इन आरोपों से भी नाराज है कि अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार की दूरसंचार नीति के कारण सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ.
लंबे समय से लंबित खाद्य सुरक्षा विधेयक, बीमा और पेंशन विधेयक को भी लाया जा सकता है. सरकार विपक्षी दलों को मनाने और इन विधेयकों को पारित कराने की उम्मीद कर रही है. कृषि मंत्री और राकांपा प्रमुख शरद पवार ने सरकार को इन मामलों में सावधानी बरतने के लिए कहा है. उन्होंने कहा कि बजट सत्र का दूसरा चरण सरकार के लिए काफी अहम है क्योंकि इस दौरान कई धन विधेयक पारित होने हैं और ‘‘हर एक दिन वजूद में बने रहने का इम्तिहान है’’.
दिल्ली में पांच साल की मासूम बच्ची के साथ बलात्कार की वीभत्स घटना को भी जोरशोर से संसद में उठाया जा सकता है. लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने बच्चियों से दुष्कर्म के मामले में अपराधियों को मौत की सजा दिये जाने की मांग की है. सुषमा ने नये दुष्कर्म रोधी कानून को और अधिक सख्त बनाने की वकालत की.
सरकार को सत्र के दौरान समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी को भी साधकर चलना होगा जिनका बाहरी समर्थन उसके लिए बहुत महत्व रखता है. वित्त विधेयक और कुछ अनुदान की मांगें अभी पारित होना बाकी हैं इसलिए सरकार कोई जोखिम नहीं लेना चाहेगी. एसपी अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव से यूपीए सरकार को संबंध टूटने का खतरा जब-तब सामने नजर आता रहता है.
सरकार ने भूमि अधिग्रहण विधेयक पर मुख्य विपक्षी दल से संपर्क साधकर संसद सत्र में शांतिपूर्ण कामकाज के लिए जमीन तैयार करने की कोशिश तो की लेकिन खबरों में नये-नये खुलासों से उसके लिए हालात मुश्किल वाले हो सकते हैं. वाम दल भी रिपोर्ट से नाखुश हैं और उन्होंने संसद में अपना असंतोष जाहिर करने का फैसला किया है. माकपा नेता प्रकाश करात ने मांग की है कि भूमि अधिग्रहण विधेयक को स्थाई समिति को या एक संयुक्त प्रवर समिति को भेजा जाना चाहिए.
बीजेपी बीमा और पेंशन विधेयकों में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) को 26 फीसदी से बढ़ाकर 49 फीसदी करने के खिलाफ है लेकिन वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने उसका समर्थन हासिल करने का विश्वास जताया है. लालकृष्ण आडवाणी की अध्यक्षता में हुई एनडीए नेताओं की बैठक में यह स्पष्ट किया गया कि सरकार यह अपेक्षा न रखे कि विधायी कार्यों से जुड़े मामलों में एनडीए उसके बचाव में आएगा.
संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण की शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री ने विपक्ष से संसद को सुचारु रुप से चलने देने की अपील की. उन्होंने कहा कि कई अहम बिल लंबित पड़े हैं जो मौजूदा सत्र में पास होने हैं. पीएम ने अपील की विपक्ष बिल पास कराने में सहयोग करे. प्रधानंमत्री ने कहा कि सरकार हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है.
जेपीसी रिपोर्ट लीक होने को लेकर नोटिस
डीएमके ने विशेषाधिकार हनन नोटिस दिया. जेपीसी रिपोर्ट लीक होने के खिलाफ दिया नोटिस. पार्टी नेता टीआर बालू ने कहा कि वह जेपीसी के चेयरमैन पीसी चाको को हटाने की मांग करेंगे. वहीं बीजेपी के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा ने लोकसभा में पीसी चाको के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया. बीजेपी ने कोयले घोटाले को लेकर प्रश्नकाल स्थगित करने की मांग की.
विपक्ष द्वारा 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन पर जेपीसी की मसौदा रिपोर्ट तथा कोयला घोटाले से संबंधित सीबीआई की रिपोर्ट में विधि मंत्रालय के कथित हस्तक्षेप पर विरोध का फैसला करने से सरकार के सामने चुनौतीपूर्ण स्थिति हो सकती है.
राजनीतिक तूफान तो पहले से आ चुका है क्योंकि आक्रोशित विपक्ष का आरोप है कि 2जी मामले पर जेपीसी की रिपोर्ट ‘‘लीपापोती’’ भर है और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह एवं वित्त मंत्री पी चिदंबरम को ‘क्लीन चिट’ देने के लिए ही इसे तैयार किया गया है.
पूर्व दूरसंचार मंत्री और 2जी घोटाले में मुख्य आरोपी ए राजा का दावा है कि इस मामले में सारे फैसले प्रधानमंत्री से विचार-विमर्श करने के बाद ही लिए गए. वहीं, बीजेपी जेपीसी अध्यक्ष पी सी चाको पर सरकार को बचाने का आरोप लगा रही है.
राजा ने जेपीसी के सामने बयान दर्ज कराने का एक मौका मांगा था जिसकी अनुमति उन्हें नहीं दी गई. राजा द्रमुक के सदस्य हैं जिसने हाल ही में यूपीए से समर्थन वापस ले लिया था.
विपक्ष कहता रहा है कि जेपीसी की मसौदा रिपोर्ट ‘जानबूझकर लीक करायी गयी’ और ऐसा होना संसदीय विशेषाधिकार का हनन है. वह इस मामले की जांच की मांग कर रहा है. एनडीए 2जी मामले में आयी जेपीसी की मसौदा रिपोर्ट से खफा है. खासतौर पर इसलिए क्योंकि इसमें आरोप लगाया गया है कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार की दूरसंचार नीति के कारण सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ. इसमें वाजपेयी सरकार में मंत्री रहे कुछ नेताओं पर भी आरोप लगाए गए हैं.
मनमोहन सिंह सरकार 10 मई को समाप्त हो रहे बजट सत्र के शेष चरण में कुछ महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित कराना चाहती है. भूमि अधिग्रहण विधेयक पर कांग्रेस और बीजेपी में सहमति बन गयी है और इस पर चर्चा हो सकती है. हालांकि, वाम दल इसके विरोध में हैं.
कोयला घोटाले में सीबीआई की रिपोर्ट में कानून मंत्रालय के हस्तक्षेप की खबरों को लेकर भी बीजेपी तथा वाम दल असंतुष्ट हैं. विपक्ष का कहना है कि घोटाले के तार प्रधानमंत्री कार्यालय से जुड़े हैं और वह सरकार को घेरने का यह मौका नहीं जाने देगा.
कोयला घोटाले के सिलसिले में कानून मंत्री अश्विनी कुमार द्वारा सीबीआई प्रमुख को तलब करने के मामले में बीजेपी कानून मंत्री के इस्तीफे की मांग कर रही है. हालांकि, कांग्रेस ने किसी तरह के दखल के आरोपों से इंकार किया है और कानून मंत्री के इस्तीफे से इंकार किया है.
संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण में राज्यसभा में सुचारू कामकाज सुनिश्चित करने के लिहाज से उच्च सदन के सभापति हामिद अंसारी ने सर्वदलीय बैठक बुलाई थी. उन्होंने राज्यसभा में अव्यवस्था फैलाने वाले सदस्यों के स्वत: निलंबन और हाउस बुलेटिन में उनका नाम जारी करने जैसे विचार रखे, लेकिन राजनीतिक दलों के बीच इन पर सहमति नहीं बन सकी. अंसारी ने इस तरह की स्थिति में सदन की कार्यवाही का प्रसारण रोकने का भी सुझाव दिया लेकिन, उन्हें समर्थन नहीं मिला. बैठक में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और विभिन्न दलों के वरिष्ठ नेताओं ने हिस्सा लिया.
बीजेपी अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने जेपीसी रिपोर्ट पर कड़ी आपत्ति जताई है जिसमें 2जी मामले में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और वित्त मंत्री पी चिदंबरम को क्लीनचिट दे दी गयी है. पार्टी रिपोर्ट में लगाये गये इन आरोपों से भी नाराज है कि अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार की दूरसंचार नीति के कारण सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ.
लंबे समय से लंबित खाद्य सुरक्षा विधेयक, बीमा और पेंशन विधेयक को भी लाया जा सकता है. सरकार विपक्षी दलों को मनाने और इन विधेयकों को पारित कराने की उम्मीद कर रही है. कृषि मंत्री और राकांपा प्रमुख शरद पवार ने सरकार को इन मामलों में सावधानी बरतने के लिए कहा है. उन्होंने कहा कि बजट सत्र का दूसरा चरण सरकार के लिए काफी अहम है क्योंकि इस दौरान कई धन विधेयक पारित होने हैं और ‘‘हर एक दिन वजूद में बने रहने का इम्तिहान है’’.
दिल्ली में पांच साल की मासूम बच्ची के साथ बलात्कार की वीभत्स घटना को भी जोरशोर से संसद में उठाया जा सकता है. लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने बच्चियों से दुष्कर्म के मामले में अपराधियों को मौत की सजा दिये जाने की मांग की है. सुषमा ने नये दुष्कर्म रोधी कानून को और अधिक सख्त बनाने की वकालत की.
सरकार को सत्र के दौरान समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी को भी साधकर चलना होगा जिनका बाहरी समर्थन उसके लिए बहुत महत्व रखता है. वित्त विधेयक और कुछ अनुदान की मांगें अभी पारित होना बाकी हैं इसलिए सरकार कोई जोखिम नहीं लेना चाहेगी. एसपी अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव से यूपीए सरकार को संबंध टूटने का खतरा जब-तब सामने नजर आता रहता है.
सरकार ने भूमि अधिग्रहण विधेयक पर मुख्य विपक्षी दल से संपर्क साधकर संसद सत्र में शांतिपूर्ण कामकाज के लिए जमीन तैयार करने की कोशिश तो की लेकिन खबरों में नये-नये खुलासों से उसके लिए हालात मुश्किल वाले हो सकते हैं. वाम दल भी रिपोर्ट से नाखुश हैं और उन्होंने संसद में अपना असंतोष जाहिर करने का फैसला किया है. माकपा नेता प्रकाश करात ने मांग की है कि भूमि अधिग्रहण विधेयक को स्थाई समिति को या एक संयुक्त प्रवर समिति को भेजा जाना चाहिए.
बीजेपी बीमा और पेंशन विधेयकों में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) को 26 फीसदी से बढ़ाकर 49 फीसदी करने के खिलाफ है लेकिन वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने उसका समर्थन हासिल करने का विश्वास जताया है. लालकृष्ण आडवाणी की अध्यक्षता में हुई एनडीए नेताओं की बैठक में यह स्पष्ट किया गया कि सरकार यह अपेक्षा न रखे कि विधायी कार्यों से जुड़े मामलों में एनडीए उसके बचाव में आएगा.
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