मंगलवार को गुजरात विधानसभा में नया लोकायुक्त बिल पेश कर दिया गया है.
वहीं राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने इस बिल पर सवाल उठाए.
गौरतलब है कि इस बिल के मुताबिक लोकायुक्त की नियुक्ति का आखिरी फैसला
मुख्यमंत्री का होगा. इसका सीधा मतलब यह होगा कि राज्य का सीएम ही अपने मन
मुताबिक लोकायुक्त की नियुक्ति करेगा.
क्या है नए विधेयक में
इस नए सुधारक विधयेक के बाद मुख्य लोकायुक्त के अलावा दो नए लोकायुक्त और चार उप लोकायुक्त की भी नियुक्ति की जाएगी. इस विधेयक में लोकायुक्त की नियुक्ति के लिए बाकायदा 6 सदस्यों की कमेटी बनाने की बात कही गई है. जिसके अध्यक्ष खुद मुख्यमंत्री होंगे. इस कमेटी में विधानसभा अध्यक्ष,विपक्ष के नेता,एक मंत्री के अलावा हाईकोर्ट के सिनियर जज ओर विजिलन्स कमिशनर होंगे.
कमेटी जिस नाम को सुझाएगी उसपर आखिरी फैसला चयन समिति के अध्यक्ष के तौर पर मुख्यमंत्री करेंगे. जिसके बाद उस नाम को गुजरात हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के पास भेजा जाएगा और बाद मे राज्यपाल उसपर मुहर लगाएंगे. संविधान के अनुसार राज्य में लोकायुक्त की नियुक्ति राज्यपाल राज्य हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के परामर्श पर करता है लेकिन इस बिल के बाद गुजरात में लोकायुक्त की नियुक्ति करने के लिए सीएम से परामर्श लेना ही होगा.
गौर करने वाली बात है कि देश के 28 राज्यों में से 18 राज्यों में लोकायुक्त की नियुक्ति हो चुकी है. बाकी राज्य इसे लागू करने में थोड़ी ढिलाई बरत रहे हैं.
लोकायुक्त की नियुक्ति पर गुजरात सरकार को लग चुका है झटका
गौरतलब है कि राज्यपाल के जरिये लोकायुक्त जस्टिस आरए महेता कि नियुक्ति को गुजरात सरकार ने गुजरात हाईकोर्ट में दो बार और सुप्रीम कोर्ट में तीन बार चुनौती दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने भी सरकार के खिलाफ फैसला दिया था . अब गुजरात सरकार ने क्यूरेटिव बेंच में अपील की है.
क्या है नए विधेयक में
इस नए सुधारक विधयेक के बाद मुख्य लोकायुक्त के अलावा दो नए लोकायुक्त और चार उप लोकायुक्त की भी नियुक्ति की जाएगी. इस विधेयक में लोकायुक्त की नियुक्ति के लिए बाकायदा 6 सदस्यों की कमेटी बनाने की बात कही गई है. जिसके अध्यक्ष खुद मुख्यमंत्री होंगे. इस कमेटी में विधानसभा अध्यक्ष,विपक्ष के नेता,एक मंत्री के अलावा हाईकोर्ट के सिनियर जज ओर विजिलन्स कमिशनर होंगे.
कमेटी जिस नाम को सुझाएगी उसपर आखिरी फैसला चयन समिति के अध्यक्ष के तौर पर मुख्यमंत्री करेंगे. जिसके बाद उस नाम को गुजरात हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के पास भेजा जाएगा और बाद मे राज्यपाल उसपर मुहर लगाएंगे. संविधान के अनुसार राज्य में लोकायुक्त की नियुक्ति राज्यपाल राज्य हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के परामर्श पर करता है लेकिन इस बिल के बाद गुजरात में लोकायुक्त की नियुक्ति करने के लिए सीएम से परामर्श लेना ही होगा.
गौर करने वाली बात है कि देश के 28 राज्यों में से 18 राज्यों में लोकायुक्त की नियुक्ति हो चुकी है. बाकी राज्य इसे लागू करने में थोड़ी ढिलाई बरत रहे हैं.
लोकायुक्त की नियुक्ति पर गुजरात सरकार को लग चुका है झटका
गौरतलब है कि राज्यपाल के जरिये लोकायुक्त जस्टिस आरए महेता कि नियुक्ति को गुजरात सरकार ने गुजरात हाईकोर्ट में दो बार और सुप्रीम कोर्ट में तीन बार चुनौती दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने भी सरकार के खिलाफ फैसला दिया था . अब गुजरात सरकार ने क्यूरेटिव बेंच में अपील की है.
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मोदी जी एक ईमानदार और भ्रष्टाचार से मुक्त नेता हैं और यह बात सारे देश के नेताओं को हज़म नहीं हो रही है,मोदी जी यदि लोकतान्त्रिक तरीके से गुजरात का लोकायुक्त नियुक्त कर दिया है उसमे कांग्रेस कहाँ से खुश हो जाएगी,कांग्रेस पार्टी द्वारा नियुक्त लोकायुक्त क्या करता यह सब को मालूम है . नरेन्द्र मोदी जी भी पिछड़े समाज के तबके से हैं और गरीबी देखि है तो गरीबों का दर्द भी वही समझेंगे , लेकिन कभी उन्होंने अपने आप को पिछड़ी जाती का बताकर यह धिन्डोरा वोट के लिए नहीं पीटा है क्योंकि वोह जाती पाती से देश नहीं तोड़ते बल्कि देशभक्ति की भावना से देश को जोड़ने का काम कर रहे हैं , मायावती ने जाती पाती से अपने भाई को खरब पती बना दिया और खुद भी खरबपति बन गयीं,लालू ने बिहार में जाती पाती फैलाकर भ्रष्टाचार के नए आयाम देकर इहर को इतना बदनाम किया की बिहारी नाम से लोग नफरत करने लगे ,बिहार को जंगल राज बना दिया था,,अब कुछ ठीक है दुसरे मुख्यमंत्री की वजह से, मुफ्त में लैपटॉप नहीं हमे रोजगार चाहिए विकास चाहिए,अब सब जनता जाग चुकी है और अच्छी तरह समझती है की जाती पाती में हमे कुछ नहीं मिलता सिवाय गरीबी और गरीबी के ,देश का विकास होगा तो हर तबके का विकास होगा रोजगार मिलेगा, हम सब जाती पाती की दीवारें तोड़कर सिर्फ मोदी जी को मौका देंगे ,गुजरात में जो उन्होंने विकास किया है और अब सारे देश में होगा !
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