Helath Care | Indian News | Funny Updates | New Job | Funny Video | Funny News Health Care Tips | GYM Tips | Daily Funny News Health Care || Daily Funny News: सुकमा हमलाः कांग्रेसी ही निकले नक्सलियों के मुखबिर, नक्सलियों के संपर्क में थे 4 कांग्रेसी नेता

Monday 3 June 2013

सुकमा हमलाः कांग्रेसी ही निकले नक्सलियों के मुखबिर, नक्सलियों के संपर्क में थे 4 कांग्रेसी नेता

सुकमा नक्सली हमले पर एनआईए ने 14 पेज की शुरुआती रिपोर्ट तैयार की है जिसमें यह बताया गया है कि कांग्रेस के चार नेता नक्सलियों के संपर्क में थे और इनके द्वारा ही नक्सलियों को रूट बदलने की जानकारी पहुंचाई गई थी. इस रिपोर्ट में संक्षेप में पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी गई है जिसे आज गृह मंत्रालय को सौंपने की तैयारी है. इस रिपोर्ट में किसी साजिश की गुंजाइश से इंकार नहीं किया गया है. रिपोर्ट में बताया गया कि चार कांग्रेसी नेता इस दौरान नक्सलियों के संपर्क में थे. इन कांग्रेसी नेताओं ने नक्सलियों तक मार्ग परिवर्तन, एक-एक नेताओं की विस्तृत जानकारी, गाड़ियों के नंबर, गाड़ियों के रंग और किस गाड़ी में कौन नेता बैठा है इसकी जानकारी पहुंचाई.
एनआईए के पास 25 मई को जगदलपुर टावर से कॉल डिटेल मिल गई है.
एनआई की टीम अब घायल नेताओं विधायक कावासी लकमा और वी सी शुक्ला से भी पूछताछ करेगी. एनआईए टीम इस बात की भी पड़ताल कर रही है कि अंतिम समय में क्यों परिवर्तन रैली का मार्ग बदला गया. इस रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है कि नक्सलियों का आत्मबल बहुत बढ़ गया है और उन्होंने अपने पास हथियारों का जखीरा तैयार कर लिया है. इनके संपर्क देश-दनिया के विभिन्न आतंकी संगठनों के साथ भी है और निकट भविष्य में ये फिर से ऐसे ही बड़े वारदात को अंजाम भी दे सकते हैं.
रिपोर्ट में यह भी जानकारी दी गई है कि सुकमा हमले में विदेशों से लाए गए हथियार और गोलियों का इस्तेमाल किया गया.
कर्मा का कंगारू कोर्ट में किया ट्रायल
इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि कैसे नक्सलियों ने कांग्रेस नेता महेंद्र कर्मा को बंदी बनाने के बाद आनन-फानन में कंगारू कोर्ट बिठा कर उनका ट्रायल किया. इसमें कर्मा खिलाफ चार्जशीट को पढ़ा गया जिसमें उन्हें 'बस्तर टाइगर' के नाम से संबोधित किया गया. इसमें सलवा जुडूम आंदोलन शुरू करने के पीछे कर्मा को मुख्य दोषी करार दिया गया. नक्सलियों के ट्रायल में महेंद्र कर्मा को आदिवासी अधिकारों का दमन करने का भी मुख्य दोषी बताया गया. इसके बाद कर्मा से उनकी अंतिम इच्छा पूछा गया.
नक्सलियों ने अपना इरादा साफ कर दिया था क्योंकि उन्होंने कर्मा से यह भी पूछा था कि वो अपनी पसंद का अंतिम खाना क्या खाना चाहते हैं और क्या वो साफ सुथरा कपड़ा भी पहनना चाहेंगे. एक नक्सली से यह कहा गया कि वो कर्मा की जीप से उनका टिफिन बॉक्स ले कर आए.
इस हास्यास्पद ट्रायल के दौरान ही कुछ महिला नक्सलियों ने अपना आपा खो दिया और कर्मा को जिस्म में कुछ गोलियां उतार दी. जैसे ही कर्मा घायल होकर गिरे उनपर चाकुओं से वार किया गया. उन्हें कम-से-कम 78 बार चाकूओं से गोदा गया. लेकिन महेंद्र कर्मा अपनी अंतिम सांस तक निडर और खामोश रहे.

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