Helath Care | Indian News | Funny Updates | New Job | Funny Video | Funny News Health Care Tips | GYM Tips | Daily Funny News Health Care || Daily Funny News

Friday, 14 February 2014

आसाराम जज से बोले- साहब ये मेरा अंतिम प्रणाम, थक गया हूं आते-आते

प्रवचन करने वाले आसाराम और चार अन्य ने एक नाबालिग के यौन उत्पीड़न के मामले में जोधपुर जिला और सत्र अदालत द्वारा पढ़े गए आरोपों पर खुद को बेगुनाह कहा.
एक हिंदी अबखार में छपी रिपोर्ट के मुताबिक आसाराम ने कोर्ट में अपने इलाज को लेकर असंतोष जताया. आरोप सुनाते समय उनके पिता का नाम पूछा गया तो आसाराम ने कहा कि वे अब नहीं हैं. अपनी उम्र भी नहीं बताई. आसाराम कोर्ट पहुंचते ही जज से बोले कि साहब मेरा यह अंतिम प्रणाम हो सकता है. मैं अब यहां आते-आते थक गया हूं.
आसाराम और चार सह आरोपियों ने अपने खिलाफ लगाए आरोपों को खारिज कर दिया और मुकदमे का रास्ता चुना, जिसके बाद न्यायाधीश मनोज कुमार व्यास ने सुनवाई 17 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दी. आरोपों को सुनने के बाद आसाराम अदालत में उदास हो गए, लेकिन जेल लौटते समय बस में सवार होने के दौरान उन्होंने कहा कि सब कुछ ठीक हो जाएगा.
शिवा और शिल्पी समेत चार अन्य आरोपी अदालत में पेश हुए, जिन्हें जमानत दी जा चुकी है. अदालत ने आसाराम के खिलाफ बलात्कार, आपराधिक षड्यंत्र और अन्य अपराधों के मामले में शुक्रवार को आरोप तय किए थे.
इस बीच आसाराम के वकील ने अदालत में आवेदन करके दिल्ली पुलिस द्वारा दर्ज पीडि़ता के बयानों को उपलब्ध कराने के लिए कहा है.

केजरीवाल के इस्‍तीफे की धमकी के बीच दिल्‍ली विधानसभा में आज पेश होगा जनलोकपाल

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि यदि शुक्रवार को विधानसभा में जन लोकपाल विधेयक पारित नहीं हुआ तो वे अपने पद से इस्तीफा दे देंगे. केजरीवाल जिस जनलोकपाल बिल को पेश करने पर आमादा हैं उस जनलोकपाल की राह में रोड़ा उस दिन आया जब उपराज्यपाल ने सॉलिसिटर जनरल से राय मांगी. पता चला दिल्ली के जनलोकपाल बिल के लिए केंद्र की मंजूरी जरूरी है. बस यहीं से दिल्ली सरकार बनाम केन्द्र की जंग शुरू हो गई.
केजरीवाल पूरी तैयारी कर चुके थे. अपने मंत्रियों के साथ बैठक कर जनलोकपाल बिल का महत्वाकांक्षी मसौदा बनाया. फिर पेश करने की बारी आई. केजरीवाल ने कहा जनता के सामने उनका जनलोकपाल पेश होगा. इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम से भ्रष्टाचार से मुक्ति का लोकपाल सामने आएगा. बीच में दिल्ली के उपराज्यपाल आ गए. उपराज्यपाल ने सॉलिसिटर जनरल मोहन परासरन से जनलोकपाल पर राय ली और उनकी राय को सार्वजनिक कर दिया कि दिल्ली का जनलोकपाल बिल केन्द्र की मंजूरी के बिना असंवैधानिक है. मीडिया ने खबर ने चलाई और केजरीवाल ने कलम. 7 फऱवरी को उन्होंने उपराज्यपाल को शिकायती खत लिख भेजा.
केजरीवाल ने खत में लिखा, ''जब मैंने टीवी चैनलों पर यह खबर सुनी तो मेरे आश्चर्य का ठिकाना न रहा. क्योंकि उस बिल की कॉपी तो हमने आपको कल शाम को ही भेजी है. तो आपने किस बिल पर सॉलिसिटर जनरल की राय मांगी. उन्होंने भी आपको किस बिल पर राय दी। आपने कोई राय मांगी भी थी मुझसे चर्चा कर लेते. मैं आपको बिल की कॉपी दिखा कर सारी बातें समझा देता. लेकिन स़ॉलिसिटर जनरल की राय मीडिया में दे दी गई.'
खबर से खेल शुरू हुआ और जंग में बदलने लगा. दिल्ली के दावेदार और भारत की सरकार आमने सामने. उपराज्यपाल के पास दलील थी कि दिल्ली विधानसभा में किसी भी बिल को पेश करने से पहले केन्द्र की मंजूरी चाहिए, जबकि अरविंद केजरीवाल संविधान खंगालने लगे. लड़ाई लंबी होती गई. इस्तीफे तक जा पहुंची और केजरीवाल ने कह दिया कि जनलोकपाल के लिए सीएम की ऐसी सौ सौ कुर्सियां कुर्बान.
फिर केन्द्र ने एक नया शिगूफा छोड़ा कि स्टेडियम में जनलोकपाल पेश करते हुए 2 हजार लोगों की सुरक्षा देने में दिल्ली पुलिस नाकाम है. इस जंग में संविधान है, 2002 का गृह मंत्रालय की ओर से दिया गया आदेश है, दिल्ली विधानसभा के अधिकार हैं और केजरीवाल के वचन, उनकी नैतिकता है. कानून के जानकारों की भी अपनी अपनी राय है. इन सबसे ऊपर दिल्ली की विधानसभा है, जहां केजरीवाल जनलोकपाल बिल पेश करने वाले हैं